Trama
about the book ये पुस्तक “लड़का हुआ है” कुछ पूर्वनिर्धारित परिभाषाओं से जनित विरोधाभास से हम सभी को परिचित कराने का एक प्रयास है । कई कहानियां सत्य में घटित हुईं हैं तो कई अनुभवों का आत्मसातीकरण है । अगर आपने इन्हें महसूस न भी किया हो तो भी कही न कही सुना ज़रूर होगा । ये पुस्तक कहानियों का एक संग्रह है जिसमें की छद्म नारीवाद के चलते वर्तमान सामाजिक ताने बाने पर हो रहे कुठाराघात के कारण हो रहे परिवारों के विघटन से परत दर परत परिचित कराती है । पुस्तक की हर कथा का संदेश अपने आप में व्यापक है और हम सभी को सोचने पर मजबूर कर देता है कि जिसे हम सभी अमोघ मान रहें हैं; वह वास्तव में वैसा है भी या नहीं ।
about the author ज्योति तिवारी भारत के पुरुष अधिकार आन्दोलन की विशिष्ट व्यक्तित्व हैं। इन्होंने अपनी पढ़ाई केंद्रीय विद्यालय से शुरू की और पंजाब यूनिवर्सिटी से हिंदी में ऑनर्स की डिग्री प्राप्त की। पंजाब यूनिवर्सिटी ने इन्हें वर्ष 1995 में “डॉ. हजारी प्रसाद द्विवेदी” गोल्ड प्रदान किया। वर्ष 1997 में प्रेमचंद कहानी पुरुस्कार से भी सम्मानित किया गया। सन 2002 में इन्होंने आकाशवाणी लखनऊ में बतौर समाचार वाचक सह-अनुवादक पद पर काम करना शुरु किया। साथ ही, भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता में डिप्लोमा भी प्राप्त किया। 2012 में एक पारिवारिक त्रासदी के कारण, इन्हें पुरुषों के लिए आवाज उठाने की प्रेरणा मिली। इन्होंने इस मुहिम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
Capitoli
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chapter 01
Durata: 13s -
chapter 02
Durata: 24min -
chapter 03
Durata: 23min -
chapter 04
Durata: 28min -
chapter 05
Durata: 17min -
chapter 06
Durata: 30min -
chapter 07
Durata: 24min -
chapter 08
Durata: 17min -
chapter 09
Durata: 33min -
chapter 10
Durata: 33min -
chapter 11
Durata: 32min -
chapter 12
Durata: 33min -
chapter 13
Durata: 15s